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69000 shikshak bharti : यू पी हाईकोर्ट का बड़ा फैसला 69000 शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द , हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नये सिरे परिणाम जारी करने का आदेश

69000 shikshak bharti 2019 उतरप्रदेश हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को 69000 सहायक शिक्षक भर्ती 2019 का परिणाम वापस नये सिरे से जारी करने का आदेश दे दिया . अब शिक्षा विभाग को नए सिरे तीन महीने में नई परिणाम सूची को जारी करना होगा . हाईकोर्ट के फैसले से योगी सरकार का झटका लगा है. नया परिणाम जारी होने चार सालों के नौकरी कर रहे हजारों शिक्षको को हटाना पड़ेगा .

69000 Shikshak bharti 2019
उतरप्रदेश हाईकोर्ट का फैसला

उतरप्रदेश (UP) में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट की डबल बेंच ने शिक्षक भर्ती का परिणाम रद्द कर दिया है. साथ ही सरकार को आरक्षण नियमावली 1994 की धारा 3(6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का पालन करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने 3 महीने के अंदर नई लिस्ट रिजर्वेशन का पालन करते हुए सरकार से देने को कहा है. वहीं ATRE परीक्षा को पात्रता परीक्षा माना है.  बता दें, सामान्य सीट पर अगर आरक्षित वर्ग का मेरीटोरियस कैंडिडेट सामान्य वर्ग के बराबर अंक पाता है, तो  उसको सामान्य वर्ग में रखा जाएगा. बाकी की 27% और 21 % सीटों को OBC/SC से भरा जाएगा.   दरसल , उतरप्रदेश हाईकोर्ट ( UP HIGHCOURT ) की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को 69000 सहायक शिक्षक भर्ती 2019 का परिणाम वापस नये सिरे से जारी करने का आदेश दे दिया . अब शिक्षा विभाग को नए सिरे तीन महीने में नई परिणाम सूची को जारी करना होगा . हाईकोर्ट के फैसले से उतरप्रदेश की योगी सरकार का झटका लगा है. नया परिणाम जारी होने चार सालों के नौकरी कर रहे हजारों शिक्षको की नौकरी छोडनी .

2019 Assistant Teacher Recuritment Exam : 69000 Shikshak Bharti 2019 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर उतरप्रदेश हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया मेरिट लिस्ट आने के बाद जब इसकी जांच पड़ताल अभ्यर्थियों ने प्रारंभ की तो आरोप लगाया कि 19000 पदों पर भर्ती में विसंगति हुई है और मेरिट में आरक्षण के प्रावधानों की अनदेखी का आरोप लगा. इसमें कहा गया कि OBC समुदाय को सिर्फ 4 फीसदी ही आरक्षण दिया गया, जबकि उसे 27 प्रतिशत कोटे का हक है. एससी-एसटी वर्ग के आऱक्षण में 21 की जगह सिर्फ 16 प्रतिशत रिजर्वेशन की बात कही गई.  उनका आरोप था कि मेरिट लिस्ट में आरक्षण नियमावली का पालन नहीं किया गया है. हाईकोर्ट में 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले का केस काफी समय से लंबित था. शिक्षक भर्ती में 19 हजार सीटों पर आरक्षण को लेकर गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था. इसमें विसंगतियों के आरोपों को लेकर तमाम लोग अदालत गए थे. 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का पालन कर  नई लिस्ट बनाने की बात कही गई है. 69000 शिक्षक भर्ती मामले में ऑर्डर की कॉपी शुक्रवार को वेबसाइट पर अपलोड की गई. 13 अगस्त को फैसला सुनाया गया था |

पांच साल पुरानी शिक्षक भर्ती परीक्षा 69000 Shikshak Bharti
उतरप्रदेश सरकार ने 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती दिसंबर 2018 में निकाली और जनवरी 2019 में एग्जाम कराया गया. इस भर्ती में 4. 10 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए. करीब 1.40 लाख परीक्षार्थी सफल हुए. फिर मेरिट लिस्ट जारी की गई. मेरिट लिस्ट के सामने आते ही विवाद सामने आया, क्योंकि आरक्षण को लेकर जो अभ्यर्थी अपना चयन पक्का मान रहे थे, उनका नाम लिस्ट में नहीं था. इसके बाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया.

शिक्षक भर्ती सीटों में हुआ है घोटाला

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सीएम योगी ने कहा था कि 69000 शिक्षक भर्ती में ओबीसी की और एससी की सीटों के साथ कोई घोटाला नहीं किया गया है, लेकिन उसके कुछ दिन बाद ही हाईकोर्ट ने कहा कि बड़े स्तर मपर 69000 शिक्षक भर्ती में सीटों का घोटाला हुआ है. अभ्यर्थियों ने पूरी भर्ती पर सवाल उठाते हुए 19 हजार पदों पर आरक्षण घोटाला का आरोप लगाया था.

योगी सरकार का रुख क्या
यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार का कहना है कि 70 प्रतिशत परीक्षार्थी आरक्षण वर्ग से चुने गए हैं. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में आधिकारिक तौर पर कहा था कि 69000 शिक्षक भर्ती में 31228 OBC से चुने गए. इसमें 12360 आरक्षित और 18598 मेरिट से चयनित हुए हैं. हालांकि याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों का कहना था कि सरकार आरक्षण नियमों का पालन पूरी तरह से करती तो 48 से 50 हजार भर्ती आरक्षित अभ्यर्थियों की होती.

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